ट्रांस हिमालय अथवा तिब्बत हिमालय और इसका विस्तार और विषेशता

ट्रांस हिमालय अथवा तिब्बत हिमालय और इसका विस्तार : 

ट्रांस हिमालय इसका विस्तार हिमालय के उत्तर में पूर्व से पश्चिम दिशा में है, क्योंकि इसका विस्तार तिब्बत में भी है इसलिए इसे तिब्बत हिमालय भी कहा जाता है इसकी चौड़ाई 40 किलोमीटर एवं लंबाई 965 किलोमीटर है ।
ट्रांस हिमालय निर्माण हिमालय से पहले हुआ है ।
 इसके अंदर काराकोरम, लद्दाख, जास्कर पर्वत श्रेणियां आती है ।

 भारत की सबसे ऊंची चोटी K2 गोडविन ऑस्टन 8611 मीटर काराकोरम श्रेणी में  है, सियाचिन ग्लेशियर भी इसी श्रेणी में स्थित है  ।
इसका निर्माण अवसादी चट्टानों से हुआ है,  यह सिंधु , सतलज, ब्रह्मपुत्र, प्रमुख पर्वतीय नदियों को जन्म देती है ।

इस प्रकार ट्रांस हिमालय अथवा तिब्बत हिमालय भारत के उत्तर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा विभिन्न दर्रे,नदियों, इत्यादि को जन्म देता है ।


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