रामकृष्ण मिशन : स्वामी विवेकानंद #

रामकृष्ण मिशन :


• रामकृष्ण मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानन्द ने
1897 ई. में वेलूर (कलकत्ता) में की थी। मिशन के दो
मठ बारानगर (कलकत्ता) एवं मायावती (अल्मोड़ा) में
स्थापित किए गए थे।

- स्वामी विवेकानन्द ने फरवरी, 1896 ई. में न्यूयॉर्क में
वेदान्त सोसायटी का गठन भारतीय धर्म एवं दर्शन के
प्रचार के लिए किया था। 

- स्वामी विवेकानन्द ने मूर्तिपूजा, बहुदेववाद आदि का समर्थन किया, क्योकि इनका मानना था कि ईश्वर साकार एवं निराकार दोनों है और उसकी अनुभूति प्रतीकों के रूप में की जा सकती है।



स्वामी विवेकानंद : 


स्वामी विवेकानन्द (नरेन्द्रदत्त) का जन्म 1863 ई. में कलकत्ता में हुआ था। 

- ये 1893 ई. में अमेरिका के शिकागो में आयोजित प्रथम विश्व धर्म सम्मेलन में भाग लेने के लिए गए। 

- अमेरिका जाने से पहले खेतड़ी के. राजा के सुझाव पर नरेन्द्र नाथ ने अपना नाम स्वामी विवेकानन्द रख लिया। 

शिकागो धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानन्द ने सभी धर्मों की एकता के विषय में कहा था जिस प्रकार सभी धाराएँ अपने जल को सागर में ले जाकर मिला देती हैं, उसी प्रकार मनुष्य के सारे धर्म ईश्वर की ओर ले जाते हैं।

- वर्ष 1900 में पेरिस में आयोजित द्वितीय विश्व धर्म
सम्मेलन में भी स्वामी विवेकानन्द ने भाग लिया था। 

- माग्रेट नोबल (सिस्टर निवेदिता) उनकी शिष्या थी। स्वामी जी को 19वीं शताब्दी के नव हिन्दू जागरण का संस्थापक भी कहा जाता है। 

- सुभाषचन्द्र बोस ने स्वामी विवेकानन्द को “आधुनिक राष्ट्रीय आन्दोलन का आध्यात्मिक
पिता" कहा था। 

- स्वामी विवेकानन्द ने प्रबुद्ध भारत (अंग्रेजी) एवं
उद्बोधन (बंगाली) नामक पत्रिकाओं का प्रकाशन किया था। 

- राजयोग, कर्मयोग एवं वेदान्त फिलॉसफी उनकी प्रसिद्ध पुस्तकें हैं।

- इनकी मृत्यु 4 जुलाई, 1902 को वेलूर में हुई थी।

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