ज्वालामुखी क्या है , ज्वालामुखी के प्रकार : सक्रिय ज्वालामुखी, सुषुप्त ज्वालामुखी तथा मृत ज्वालामुखी
ज्वालामुखी क्या है , ज्वालामुखी के प्रकार : सक्रिय ज्वालामुखी, सुषुप्त ज्वालामुखी तथा मृत ज्वालामुखी :
ज्वालामुखी वह स्थान है, जहां से निकलकर गैसें, राख और तरल चट्टानी पदार्थ, लावा पृथ्वी के धरातल तक पहुंचता है।
ज्वालामुखी विस्फोट से निकलने वाली गैसों में जलवाष्प (H.O) की मात्रा सर्वाधिक पाई जाती है। इसके अलावा कार्बन डाइऑक्साइड (CO,) और सल्फर डाइ ऑक्साइड (SO,) प्रमुख गैसें हैं। ज्वालामुखी से उत्सर्जित होने वाली अन्य गैसों में हाइड्रोजन सल्फाइड (H,S), हाइड्रोजन (H), कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO), हाइड्रोजन क्लोराइड (HCL), हाइड्रोजन फ्लूओराइड (HF), तथा हीलियम (He) हैं।
ज्वालामुखी उद्गार के समय भू-गर्भ में स्थित तरल पदार्थ को मैग्मा कहते हैं। जब मैग्मा धरातल पर निस्सत होता है, तो उसे लावा की संज्ञा दी जाती है। यह बहुत गर्म होता है।
ताजा निष्कासित लावा का तापमान 600 से 1200 डिग्री सेल्सियस होता है। धरातल पर लावा ठंडा होने के बाद आग्नेय चट्टान का रूप धारण कर लेता है।
सिलिका के आधार पर लावा दो प्रकार का होता है- एसिड लावा एवं बेसिक लावा।
एसिड लावा अत्यंत गाढा एवं चिपचिपा होता है। इसमें सिलिका की मात्रा अधिक होती है।
बेसिक लावा हल्का एवं पतला होता है तथा इसमें सिलिका की मात्रा कम होती है।
जब लावा घरातल तक पहुंचने से पहले ही उसके नीचे जम जाता है, तो आंतरिक आग्नेय चट्टानों का निर्माण होता है। ये दो प्रकार के होते हैं-
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